ऐसे तो मुझे सारा जहा मिल गया,
तुझे कितना भूला और तू याद आता ही रहा ,
ना खाली रस्ते में , ना महफ़िल तू मुझे मिला..
मैंने कब मांगी वफ़ा , और तुने कब दी वफ़ा मुझको,
साथ सस्ता था आपना , तभी दूर तलक ना चला,
ऐसी भी नहीं है, तू मुझे कभी भूल जायेगा,
याद तुझको भी रहेगा, कुछ कदमो का वो फासला...