Thursday, December 30, 2010

कुछ कदमो का वो फासला

एक नहीं मिली तो तेरी खबर नहीं मिली, 
ऐसे तो मुझे सारा जहा मिल गया, 
तुझे कितना भूला और तू याद आता ही रहा , 
ना खाली रस्ते में , ना महफ़िल तू मुझे मिला..
 मैंने कब मांगी वफ़ा , और तुने कब दी वफ़ा मुझको,
 साथ सस्ता था आपना , तभी दूर तलक ना चला, 
ऐसी भी नहीं है, तू मुझे कभी भूल जायेगा, 
याद तुझको भी रहेगा, कुछ कदमो का वो फासला...

Wednesday, December 29, 2010

तेरे हर इलज़ाम को सर झुकाया मैंने

रँग धुंधले हुए तो कुछ समझ आया मुझे ,

एक तस्वीर को इतना क्यूँ इतना सजाया मैंने ... 

मैं प्यार करता रहा , और तू कभी समझी नहीं, 

क्यों नासमझ से दिल लगाया मैंने... 


तेरे दिल को मैंने तो घर मान लिया, 

हर त्यौहार वही फिर मनाया मैंने, 

मैं दीया जालाये बैठा ही रहा , 

हर दुआ में तेरी खुशियों को ही बुलाया मैंने...... 


 तू दूर है, और मेरी अब है भी नहीं, 

गुज़री बातो से मान बहलाया मैंने.....

मेरे एहसास मैं कह भी ना पाया, 

तेरे हर इलज़ाम को सर झुकाया मैंने......

Thursday, May 27, 2010

मैं जग छोड़ दूगी

बहुत वक़्त आयेगे , रस्ते में हमारे, 
गुज़र जायेगे सब , एक तेरे ही सहारे... 

 कभी खुशिया होंगी, कभी गम भी होंगे , 
मुझे है कसम , साथ हम तेरे सदा होंगे... 

 ये वादा नहीं है , जो मैं तोड़ दूगी, 
ये दुनिया है मेरी, मैं कैसे छोड़ दूगी.... 

 तू एक बार कहना , क्या तेरी ख़ुशी है, 
तेरी हंसी के लिए , मैं जग छोड़ दूगी...

कुछ इस तरह बताऊंगा

सोचा नहीं था , तेरे इतने करीब आऊंगा,
कितना प्यार है तुझसे , कुछ इस तरह बताऊंगा....

जो वादा है तेरे साथ का ,उसे हर पल निभाऊंगा,
जो तू ना मिली , तो कैसे मैं जी पाउँगा....

तेरी हंसी सुन सुन के , अब ये दिल हसंता है,
तुमसे मिलने का इंतज़ार, दिल हर पल करता है....

बस अब तू मिले जाये , तो हर ख़ुशी पा जाऊंगा,
सोचा नहीं था , तेरे इतने करीब आऊंगा..

कितना प्यार है तुझसे , कुछ इस तरह बताऊंगा....

Wednesday, May 19, 2010

हर पल तेरे ख्याल है

मेरा भी यही हाल है , हर पल तेरे ख्याल है,
खुसबू तेरी मुझ में , बेहाल मेरा हाल है...

तू हर पल मेरे साथ है , और कितना मुझसे दूर है,
ये प्यार है या कुछ और है , बस अब यही सवाल है...

तू दिल मेरा धड़का रहा ,कुछ तो तुझ में बात है,
कैसे ये सब है हो रहा ,क्या सच ये मेरे यार है...

माँगा नहीं तुझको कभी, और माना रब सा यार है,
कैसी अजाब ये आरजू, तू देख मेरा क्या हाल हो...

Saturday, May 15, 2010

तो मुझे विश्वास हो

हाथो में तेरा हाथ हो, तो मुझे विश्वास हो,
तू मेरे पास हो , तो मुझे विश्वास हो....

ऐसा तो कोई मेरा कभी, खवाब ना हुआ,
तू मिला ऐसा , की मुझे विश्वास ना हुआ...

सपना जैसे कोई , रोज़ अब सजने लगा,
सपना कोई सच हो अगर , तो मुझे विश्वास हो...

तू कहता है की प्यार है , और मैं मानती नहीं,
छु के तुझे देखू ,तो मुझे विश्वास हो...

Tuesday, May 4, 2010

कितना मुश्किल जीना हो जाता है

कितना मुश्किल जीना हो जाता है ,
तेरी याद के बाद , जब तू नहीं आता है,
हँस देती हु , यु तो हर बात पर मैं,
दिल कई बार मेरा भर सा आता है....

कैसे समझाऊ , मेरे दिल के हालत तुझको,
चेहरा कब, सब हाल बता पाता है ,
कभी गले मिल , हाथ ले तेरे हाथो में,
छु के देख मुझे, क्या मेरा दर्द तुझे समझ आता है....

आँखे रोई है, रात भर तेरे लिए,
इनको दिल बात बताने तो दे,
कभी देख मेरी भी तरफ तू अब तो,
मुझे थोडा तो नजदीक तू आने दे....

Sunday, May 2, 2010

मेरा मन बेचैन है

पल जो होते पास तेरे कुछ , कुछ बातें हम से भी होती,
कुछ सपने हम भी बुन लेते ,मीठी सी कुछ राते भी होती,
मैंने तुझको कुछ राज़ बताती ,आँचल से मुख आपना छुपाती,
तेरे हाथो को ले हाथो में,तुझ में जैसे मैं खो जाती...

मन मन्दिर दिया पिया मैं ,तेरे हाथो से जलवाती,
तेरी आहट आँगन में होती,दर्पण में मैं मुझे सजाती ,
दरवाज़े पर तेरी दसक ,धड़कन मेरी और बढाती ,
तुझे देख नज़ारे झुकती,छूने से धड़कन थम जाती...

कुछ पल तेरे पास नही है , और मेरा मन बेचैन है,
मन की बाते मन ही में है, काली से काली रेन है ,
तेरे बीन मैंने क्यों बाकी हु , रास्ते पर हर पल नैन है ,
कब आओगे पिया कहो तुम, तुम बिन मन बेचैन है...

Saturday, May 1, 2010

बस अब तू मंजिल पायेगा...

कुछ कुछ तकलीफे भी होगी, कुछ दिल भी घबराएगा ,
कुछ सपने टूटेगे भी , कई बार तू डर जाएगा,
जब सब कुछ बिखरा हुआ लगे , और तब तू कदम बढ़ाएगा,
तब कुछ पल की बस दुरी होगी,बस अब तू मंजिल पायेगा...

हर पल तेरा मुस्काना ,हर मुश्किल को दूर भागना,
ख़ुद को भी सहस देना, और हर साथी का हाथ बटाना,
हाथो की रेखा का , लेखा भी बदल ही जाएगा,
सब व्यर्थ नही ये जाएगा,बस अब तू मंजिल पायेगा...

किसके रुके , किसके बांधे ,ये बादल रुक जाते है ,
जब मौसम सावन का आए, ये मेघ बरस ही जाते है,
मत घबरा इस तेज़ दुप से ,मौसम बदल ही जाएगा,
हर सपना सच होगा तेरा,बस अब तू मंजिल पायेगा..

सखी री मुझे कह कर जाते

प्रेम में उनके मैंने बावरी , कैसे कहू मैंने उनसे सखी री,

कह पाती , तो वो ऐसी ना जाते , सखी री मुझे कह कर जाते,


कह देते एक बार जो मुझसे , मैंने कब पग बंधे थे उनके,

कब मैंने रोका था उनको ,कब आयेगे ये बतलाते , सखी री मुझे कह कर जाते,


सावन कैसे आएगा पिया बिन , कैसे रुत बदलेगी मौसम ,

कैसे मुझ में अब साँस आएगी, ये मुझको वो समझाते , सखी री मुझे कह कर जाते,


कौन मुझे अब पिया बिन देखेगा , कौन मेरे मन को पढ़ लेगा ,

किस से कहू मैंने बात जिया की , बस एक पल को वो रुक जाते ,सखी री मुझे कह कर जाते,

सखी पिया को जो मैं ना देखु...

सखी पिया को जो मैं ना देखु, गुजारो कैसे अँधेरी रतिया,
के जिन में उनकी ही रौशनी हो, कही से ला मुझे वो अंखिया...

उन्ही को देखा ,उन्ही को चाहा, उन्ही को मैंने बताई बतिया ,
उन्ही के आने से दिल में हलचल ,उन्ही के जाते फिर काली रतिया...

उन्ही के बोलो को बोलती हू , उन्ही के रास्ते में है ये अंखिया ,
उन्ही के होठो की मैंने हँसी हू, उन्ही को पाकर है पायी दुनिया...

उन्ही के आते ही है रोनक , उन्ही के जाते फिर गम की गलिया,
उन्ही की आहट सुनने को मैंने ,गुज़री जाने हजारो सदिया...

सखी री वो मुझसे आज रूठे ,बताते नही वो दिल की बातिया ,
आँख नम है और होठ गुमसुम ,गुजारू कैसे ये पल पल सी सदिया...

उन्हें ये बोलो , बताऊ कैसे , के पल पल है भरी अब मेरे सजना ,
तुम्ही को मैंने माना दुनिया ,तुम्ही से खिलती चेहरे की कालिया...

Friday, April 30, 2010

जान पर अब बन आई है

कोपल अब है फुट रही,
आस पास के पेड़ो पर,
मन बेचैन हुआ मेरा भी,
तेरी आहट सुनने को..

देख बदल गया है मोसम ,
फिर रुत नई सी आई है,
छोड़ भी दे गुस्सा अब , तू जालिम,
ये कैसी तेरी लड़ाई है...

ना तू जीतेगा ,ना मैं जीतूंगी
और हम तुम सब खो बैठेगे ,
तू आजा ,या मुझे बुला ले,
जान पर अब बन आई है....

पर जान नहीं जाती ये

कितने ख़त लिखे मैंने ,
वादे भी किये कितने सारे,
तू फिर भी प्यार को समझा ना,
किये कितने जतन, अब हम है हारे...

रास्ता तो अब भी देख रहे ,
नेना मेरे रस्ते पे खड़े ,
शाम तलक तुझको ढूंडा ,
सुबह से फिर ये, दर पे लगे...

दिल मेरा अब तब रुक जाता है,
साँसे भी थम सी जाती है,
पर जान नहीं जाती ये फिर भी ,
तुझ पर आकर रुक जाती है...

मैं खुश हू तुझसे भी ज्यादा...

सुबह तुझसे शुरू हो,
शाम भी बस तू हो,
जागे रात भी संग संग ,
हर आरजू भी तू हो.....

तू साथ य़ू चला है ,
तेरा प्यार य़ू मिला है,
रास्ता ये ज़िन्दगी का,
कुछ हशीन लगने लगा है.....

तुझसे किया ये वादा,
तेरे साथ का इरादा,
तुझसे खुश देख कर,
मैं खुश हू तुझसे भी ज्यादा...

Sunday, April 25, 2010

कैसे मुझे तुम मिल गए

कैसे मुझे तुम मिल गए, सपने सारे तुम बन गए,
और अब क्या मेरी खुशी,हर खुशी तुम बन गए....

इतना पाया ना कभी सुकून, तुम दिल का सुकून बन गए,
अब ना मैं मंगू कुछ और , मेरा तुम जूनून बन गए....

अब ना लागे कही ये मन , मनमीत तुम बन गए,
रौशनी तेरी हर तरफ़, रौशनी तुम बन गए .....

बस अब तुम से मिलू , फिर जीयु ना जीयु,
ज़िन्दगी तुम्ही से अब , ज़िन्दगी तुम बन गए....

कैसे मुझे तुम मिल गए, सपने सारे तुम बन गए......

आदत सी हो गयी है

आदत सी हो गयी है,उनसे दिल लगाने की,
आँखों में आँखे डालने की,फिर नज़रे झुकाने की,
कहाँ उन बिन मुझे ,अब चैन आता है,
आदत सी हो गयी है, नजदीक उनके जाने की....

ख़ुशी भी उनसे आती है, चैन भी उनसे आता है,
हर फूल का रंग,मेरे रंग में मिल जाता है,
सतरंगी आसमान में, तारो की रौशनी है,
बात किसी की भी हो, नाम उनका ही आता है....

जब लिखती हू , तेरा मेरा अफसाना लिखती हू,
कागज़ पर ,तेरा नाम दोबारा लिखती हू,
हर आता पल , तेरी याद लिए आता है,
तुझसे मिलने का , रोज़ नया बहाना लिखती हू....

पहचानते नहीं

कहते है वो की हमको जानते नहीं ,
मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं,
जो छीना मुझसे ,वो मांगते तो एक बार,
जो अपने थे कभी,अब मेहमान भी नहीं,

मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं.....

घंटो मेरी गली में ,करते थे इंतजार ,
कहते थे की मर जायेगे,बिन दीदारे यार,
अब नाम भी लेते नहीं,
और मानते भी नहीं....

मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं.....

Saturday, April 24, 2010

मेरा रब मेरा यार वे

ये ले तेरे खेल खिलोने ,ये मेरे किस काम के,
मुझको तो तू यार मिला दे , जग है ये बेईमान रे..

मैंने कब मांगे है तुझसे , तेरे सूरज चाँद सितारे,
मैंने तो बस यार है माँगा, मेरा चाँद मेरा यार रे..

तू झूठा ,तेरा जग भी झूठा , झूठा सब संसार रे,
क्यों मानू मैंने अब सच कुछ भी, मिलिया जब ना यार वे...

कब मांगे रस्ते फूलो से , माँगा बस उसका साथ रे,
हाथ कोई छूटे रस्ते में , छूटे ना उसका साथ वे..

क्या देखू इस रोनक रंग को, ये मेरे किस काम के,
मुझको तो तू यार मिला दे, मेरा रब मेरा यार वे....

ये कहानी हुई

दर्द बढ़ता रहा ,
नींद जाती रही,
तुने सब कह दिया ,
मैं छुपाती रही..

ऐसी आँखे मिली,
मैं दीवानी हुई,
तुझपे आकर रुकी,
सबसे अनजानी हुई...

वक़्त कटने लगा,
तेरी राहो में यू,
भूली सारा ज़माना,
ये कहानी हुई...

नये सपने सजे ,
तेरी यादें मिली,
नाम तेरा लिए ,
मैं मुस्कुराने लगी...

अब हीर ना कहना कोई

राँझा राँझा करती नी मैं, आपे राँझा होई,
सब में मुझको तू ही दिखता, दिखता ना होर कोई....

तुझ में ही खो बैठी खुदको,रात रात ना सोयी,
हर रस्ते तू मिल जाता है, मिलता ना होर कोई...

तेरी बाते ही बस सुन पाती ,कान सुने ना गल कोई,
तुने कैसा किया दीवाना , मुझसा ना अब कोई,

तेरे संग लगा मन मेरा, तू मेरा हर कोई,
आवाज़ सुनी ना जिस दिन तेरी,रात रात मैं रोई....

नाम मेरा सब क्यों लेते है , ना राँझा कहता कोई,
मैं तुझ में, और तू अब मुझ में , अब हीर ना कहना कोई.....