Wednesday, September 30, 2009

गुज़र ही नहीं होगा

आज के बाद , तेरे पास थोडा भी वक़्त नहीं होगा,
जिकिर तो होगा तेरा ,पर तुझसे सामना नहीं होगा..

तू मेरा आपना है , क्यों सब कहते है की बेगाना है,
तू नहीं जिस में , वो सपना मेरा नहीं होगा...

आँखे तुझ ही ढूंढेगी , हर पल हर तरफ,
तेरे बिना , कोई नज़ारा खुबसूरत नहीं होगा...

दिन भी निकलेगा , और रात भी हो जायेगी ,
कलि रातो में , अब नींद से सामना नहीं होगा

कैसे कटते है लोग , प्यार के बिना ज़िन्दगी,
बिन तेरे , मेरा तो गुज़र ही नहीं होगा....

Thursday, September 17, 2009

मौका ही कब दिया

तुझसे मिलता भी तो मैने मिलता कैसे,
तुने कब मिलने का मौका ही दिया,
कहता हु मेरी ज़िन्दगी है तू,
पर तुने जिंदा रहने का मौका ही कब दिया...

तेरी आँखों के आंशु पूछ लेता मगर,
ज़मीन पर गिरते मोती समेट लेता मगर,
तू तो मुझसे हर दम खफा ही रही,
और मुझे मानाने का मौका ही कब दिया....

मैंने कब तुझसे बढ़ कर माना था मुझे,
मैंने तो बस तेरे नाम को सब माना था,
तू एक बार हाथ बढाती तो मेरी तरफ,
तेरे आपनो में मैं ही बस अंजना था...

आपने आप में मैंने डूब गया हु,
तेरे घर के सिवा हर घर भूल गया हु,
मैंने भी कुछ गुन गाता तुझे देख कर,
तुने पास आने का मौका ही कब दिया.....

तो मैं कहा जाऊ

जो तुझसे ना करू महोब्बत , तो मैं कहा जाऊ,
ना तुझे मंगू उस खुदा से, तो कहाँ आपनी दुआ ले जाऊ...

ऐसा आया तू मेरे दिल में , के कभी गया ही नहीं,
रात भर आँखों में लिए, दिन तेरी यादो में कटा युही...

अब समझ आया मुझे, हर प्यार की कहानी का मतलब,
सच कहता है ज़माना ,प्यार करने से प्यार समझ आता है....

तू कोई जादू है, तेरे आने से सब बदल जाता है,
जब मिलता है ,मेरी ज़िन्दगी का ढंग बदल जाता है.....

निकलती हु रोज़ घर से , तेरा ख्याल मुझ में लिए,
उस ख्याल के ख्याल से ,मेरा दिन गुज़र जाता है......

जो दूर होते है , वही एक दिन मिल जाते है,
आपनी दुरी को मेरा मन, अक्सर युही समझता है.....

Tuesday, September 15, 2009

आगे भी रखना मेरा ध्यान

तुने अब तक है चलिए , मेरे जीवन की नाव ,
जब जब भी मैं गिरती थी , तुम लेते थे मुझको थाम..

जब जब माँगा मैंने जो जो, तुम ने दिया मुझे राम,
बिन मांगे भी भर दी झोली,तुमने साथ दिया घनश्याम...

तेरे दर आ कर मैंने , हर दम ही पाया आराम,
जब जब मन होता था चिंतित , गले लगाया तुमने श्याम...

जैसे अब है चलिए , आगे भी चलना नाव,
तुमने अब तक रखा है , आगे भी रखना मेरा ध्यान.....

Sunday, September 13, 2009

कुछ ऐसी लम्हे , मैंने बिताये तेरे साथ,
कितनी दूर तक गए हम, लिए हाथो में हाथ,
रहा दिल में सुकून,जब तक हम थे साथ साथ,
सपने है तेरे आँखों में,अब दिन और रात...

मैंने तो कब का लिखना , छोड़ दिया था,
कागज़ और कलम को , हाथो में कब से नहीं लिया था ,
तेरी याद आई और , एहसास खुद चलने लगे,
साथ बिताये लम्हे , खुद कागज़ पर उतरने लगे...

Saturday, September 12, 2009

प्यार नही तो फिर ये क्या है

तुने कही और मैंने माननी ,प्यार नही तो फिर ये क्या है,
तू भी दीवाना, मैं भी दीवानी ,प्यार नही तो फिर ये क्या है,

बादल से तेरी बाते ,चेहरे पर तेरी ही मुस्कान ,
मुझ में हर पल तू ही , प्यार नही तो फिर ये क्या है,

मुझ में चलती तेरे साँसे ,लम्बी लम्बी काली राते ,
आँखों के आँखों से वादे ,प्यार नही तो फिर ये क्या है,

तुझसे मिलने की चाहत ,तेरे आते ही दिल की घबराहट ,
मेरा नाम तेरे होठो पर ,प्यार नही तो फिर ये क्या है ......

कैसे थामू मैं अब मुझको

तुझको मैंने कई बार लिखा, कागज़ पर लिखा, हाथो पर लिखा,
सबने देखा ,सबने ही पढ़ा, ना तुने देखा , ना तुने पढ़ा....

किस रंग से लिखू मैं तुझको , मुझको उस रंग का रंग तो बता.
जो तू देखे , और तू पढ़ ले , उस रंग का मुझको तू रंग समझा....

हर कोई अब जान गया, नहीं बात किसी से ये है छुपी,
तेरी आहट सुनते ही तो, सांसे ये चली,अब तक थी रुकी.....

ये परबत भी गिर जायेगा,धरती ना दे जो आँचल इस को,
जब तू मेरे पास नहीं , कैसे थामू मैं अब मुझको....