Tuesday, September 15, 2009

आगे भी रखना मेरा ध्यान

तुने अब तक है चलिए , मेरे जीवन की नाव ,
जब जब भी मैं गिरती थी , तुम लेते थे मुझको थाम..

जब जब माँगा मैंने जो जो, तुम ने दिया मुझे राम,
बिन मांगे भी भर दी झोली,तुमने साथ दिया घनश्याम...

तेरे दर आ कर मैंने , हर दम ही पाया आराम,
जब जब मन होता था चिंतित , गले लगाया तुमने श्याम...

जैसे अब है चलिए , आगे भी चलना नाव,
तुमने अब तक रखा है , आगे भी रखना मेरा ध्यान.....

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