Tuesday, November 18, 2008

रिश्तो को बड़ी जान से जीते रहे हम,
तेरा दिया हर दर्द पीते रहे हम,
अब कोई और वजह बता मुझे ना चाहने की,
वजह मिटने के लिए ही जीते रहे हम,

हाथो की लकीरों में तेरे नाम नही है,
और दिल को तेरे सिवा कुछ काम नही है,
तेरी बेरुखी एक ज़ख्म ही है जालिम ,
तू ज़ख्म दे और हम ज़ख्म सीते रहे हम....

Tuesday, October 14, 2008

समझा लेगे ज़माने को,हम आपनी बात भी,
ये वक्त वो वक्त भी , ले ही आयेगा ,
मेरी खुशी में खुश होगा , मेरा रकीब भी,
मेरा प्यार, मेरे करीब उनको ले ही आयेगा...

मेरी महोब्बत में, कुछ तो कमी बता ,
मेरे नजदीक , ना आने की कोई तो वजह बता,
मुझे देखकर , तेरा दिल भी भर ही आयेगा,
ये वक्त वो वक्त भी , ले ही आयेगा ....

तेरी चाहत ही तो ज़िन्दगी है,वरना मौत क्या बुरी है,
कितने रंग है यहाँ, हर रंग से तेरी याद जुड़ी है,
तेरी याद आई है , तू भी जरूर आयेगा ,
ये वक्त वो वक्त भी , ले ही आयेगा ....

Sunday, August 3, 2008

तू तो हर रोज़ ही देर से आता था

कौन कहता है , वो हमसे प्यार करते है,
बस करने को , वफ़ा का इकरार करते है,
वादा तो किया था ,एक आवाज़ पर चले आयेगे ,
और हम अब भी,हर आहट पर उनका इंतज़ार करते है ।

कैसी पागल मैंने ,ये सच भी ना समझ पायी,
ये लगा ये तू आया , ये तेरी याद आई,
तेरी बेवाफी में भी , मुझे वाफा नज़र आई,
हर छाई , मुझे लगी तेरी परछाई ।

हर बदलता मौसम , एक उम्मीद लिए आता था,
टूटता हुआ हर वादा , एक और वादा याद दिलाता था,
मेरी आँखे नही देख पायी, तू तो हर रोज़ ही देर से आता था,
मैंने क्या सवाल करती , तुझे तो हर सवाल का जवाब आता था ।

Thursday, July 31, 2008

सब तुमने ही समझाया था

मेरी झुकती आंखो का मतलब , मेरे चेहरे की ये रंगत,
मेरे हाथो का ये कम्पन,मेरे सासों की ये हलचल,
उड़ती उड़ती ये जुल्फे मेरी,माथे की चम चम करती बिंदिया,
कब समझ मुझे ये आया था, सब तुमने ही समझाया था ।

काली काली ये लम्बी राते ,टीम टीम करते ये तारे सारे,
टिप टिप करती बारिश की बूंदे , नदिया में पानी की हलचल,
सूरज का ढलने से पहले ,धरती का सजना ऐसे हर दिन,
कब नज़र मुझे ये आया था, सब तुमने ही दिखलाया था।

उस पंछी की गगन से मिलने क कोशिश ,बदल से मिलती ये धरती,
फूलों की खिलने की चाहत ,भवरे के आने की आहट,
तेरे चेहरे की ये मस्ती, तेरी आंखो का दीवानापन ,
कब समझ ये आया था, सब तुने ही समझाया था।

तुझेसे मिलकर मुझ में अब , मुझसा कुछ रहा नही,
तुझको ही दिल याद करे, मिलने की तुझे ये सपने देखे मन,
हाथो में हाथ लिए हम तुम, अब जन्मों तक यू साथ चले,
कुछ तो मेरे दिल में भी है,ये धड़कन ने बतलाया है,
कब नज़र मुझे ये आया था ,कब समझ मुझे ये आया था,
तुमने ही सब दिखलाया था, सब तुमने ही समझाया था ।

कुछ और चलो अब बात करे

कुछ और चलो अब बात करे ,दुनिया में कितना कुछ है बाकी,

सपने तो कितने है अब भी , और जान अभी है बाकी !!

क्यों वो सब हम याद करे, जो नही हमारे बस में था,

क्यों उन अपनों को याद करे,जो नही कभी भी आपना था !!

फूलों का खिलना भी एक सच है,सावन का आना भी एक सच,

सूरज का ढालना भी एक सच है,बारिश बिन धरती का जलजाना भी एक सच!!

जीवन तो चलता रहता है , मन तारे गिनता रहता है,

हर सपना मैंने दिल से पला है , पर सपना तो टूटा ही करता है !!

कब मैंने दुनिया चाही है

तेरी ख्वाइश ही तो मैने की , कब मैंने दुनिया चाही है ,
कितना दिल को समझाया ,इसको हर पल तेरी ही याद आई है,
तेरी चाहत ही तो , जिसने मुझे अब तक जिंदा रखा है,
मौत का क्या है, वो तो हर रोज़ मेरे दर पर आई है !!

ये ज़मना ही तो , जो मुझे तुझसे मिलने नही देता ,
मैंने क्या इसका लिया है , क्या मेरी इस से लड़ाई है,
तुझे चाहा , बस ये ही मेरी खता है ना ,
तू नही भी आया , तो नही कहुगी की ये बेवाफी है !!

बहते हुए पानी को , नदिया समझ बैठी थी मैंने,
नही समझ पायी , की इस में ना वो गहरायी है ,
ये भरम ही तो था , ये तो टूटना ही था एक दिन,
कहा सबको वफ़ा के बदले ,दुनिया में मिली वफाई है !!