Sunday, August 3, 2008

तू तो हर रोज़ ही देर से आता था

कौन कहता है , वो हमसे प्यार करते है,
बस करने को , वफ़ा का इकरार करते है,
वादा तो किया था ,एक आवाज़ पर चले आयेगे ,
और हम अब भी,हर आहट पर उनका इंतज़ार करते है ।

कैसी पागल मैंने ,ये सच भी ना समझ पायी,
ये लगा ये तू आया , ये तेरी याद आई,
तेरी बेवाफी में भी , मुझे वाफा नज़र आई,
हर छाई , मुझे लगी तेरी परछाई ।

हर बदलता मौसम , एक उम्मीद लिए आता था,
टूटता हुआ हर वादा , एक और वादा याद दिलाता था,
मेरी आँखे नही देख पायी, तू तो हर रोज़ ही देर से आता था,
मैंने क्या सवाल करती , तुझे तो हर सवाल का जवाब आता था ।

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