कौन सा वादा था , जो मैंने निभाया नहीं,
जो तू मेरे बुलाने , से भी तू आया नहीं...
दिन निकलते से थी , रस्ते पर आँखे ,
साँझ हो गयी , और तू आया ही नहीं...
हर याद तेरी, कोई सपना है क्या मेरा,
सपने में आया , हक्कीकत में आया ही नहीं...
कैसे समझेगा , तू मेरे प्यार की बाते ,
मेरा प्यार तुझे , समझ आया ही नहीं.....