Wednesday, December 23, 2009

याद नहीं मोहे कोई

ऐसा तुझ से प्रेम किया है , याद नहीं मोहे कोई,
तू और तू ही तो है बस अब , ध्यान नहीं मोहे कोई....

पल पल तेरे दरस को तरसु , हर पल तेरी ही आस,
देखू ना तो मैं मर जाऊ ,ऐसी तेरी प्यास....

सूरज के चलते रहने तक , चाँद के जलते रहने तक,
मुझ में बस तू ही तो रहता , तुझ में मेरे प्राण....

मीरा प्रेम को मैं ना समझी , राधा को समझ ना पायी,
आन बसा जबसे तू मन में , सारी बात समझ में आई...

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