Thursday, July 31, 2008

कुछ और चलो अब बात करे

कुछ और चलो अब बात करे ,दुनिया में कितना कुछ है बाकी,

सपने तो कितने है अब भी , और जान अभी है बाकी !!

क्यों वो सब हम याद करे, जो नही हमारे बस में था,

क्यों उन अपनों को याद करे,जो नही कभी भी आपना था !!

फूलों का खिलना भी एक सच है,सावन का आना भी एक सच,

सूरज का ढालना भी एक सच है,बारिश बिन धरती का जलजाना भी एक सच!!

जीवन तो चलता रहता है , मन तारे गिनता रहता है,

हर सपना मैंने दिल से पला है , पर सपना तो टूटा ही करता है !!

7 comments:

  1. sapne tut jate hain,par sapne dekhna na chhode-yahi hakikat bante hain,
    haan mann ki aah ko gahre shabd diye,bahut achhi lagi

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  2. सपने तो कितने है अब भी , और जान अभी है बाकी !!

    क्यों वो सब हम याद करे, जो नही हमारे बस में था,

    क्यों उन अपनों को याद करे,जो नही कभी भी आपना था !!
    बहुत सुन्दर विचार है। स्वागत है आपका।

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  3. स्‍वागत ...................



    हो सके तो ये वर्ड वेरीफिकेशन हटा लेवें ।

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  4. कुछ और चलो अब बात करे ,दुनिया में कितना कुछ है बाकी,
    सपने तो कितने है अब भी , और जान अभी "कुछ" है बाकी !!
    सुस्वागतम्॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰

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  5. बहुत सही " तुम्हें कोई और देखे तो जलता है दिल " ये याद रखो सपने तो होते ही है जुड़ने के लिए और टूटने के लिए

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  6. Bahut hi sunder kavita hai.
    Mayoos nahi hote kuch sapne tootte hain to kuch poore bhi hote hain aur sapne hi to hain jo kuch karane ki takat dete hain.

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  7. बहुत बढिया.
    लिखते रहिये.
    ---
    यहाँ भी आयें;
    उल्टा तीर

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