गुज़र जायेगे सब , एक तेरे ही सहारे...
कभी खुशिया होंगी, कभी गम भी होंगे ,
मुझे है कसम , साथ हम तेरे सदा होंगे...
ये वादा नहीं है , जो मैं तोड़ दूगी,
ये दुनिया है मेरी, मैं कैसे छोड़ दूगी....
तू एक बार कहना , क्या तेरी ख़ुशी है,
तेरी हंसी के लिए , मैं जग छोड़ दूगी...
तू एक बार कहना , क्या तेरी ख़ुशी है,
ReplyDeleteतेरी हंसी के लिए , मैं जग छोड़ दूगी...
साधे शब्दों में ,,,सुन्दर लेखन ,,,,सुन्दर विचारों की अभिव्यक्ति ,,,शीर्षक भी उत्तम है ////////कुछ नया है यहाँ ,,,सुझाव दे http://athaah.blogspot.com/
एहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब
ReplyDeleteआप लिखना जारी रखें ! अपनों से न सही ऊपर वाले से उम्मीद रखें!
ReplyDeleteक्या भाव हैं. वाह. बहुत अच्छा लगा पढकर. अच्छे लेखन के लिए बधाई.
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