सोचा नहीं था , तेरे इतने करीब आऊंगा,
कितना प्यार है तुझसे , कुछ इस तरह बताऊंगा....
जो वादा है तेरे साथ का ,उसे हर पल निभाऊंगा,
जो तू ना मिली , तो कैसे मैं जी पाउँगा....
तेरी हंसी सुन सुन के , अब ये दिल हसंता है,
तुमसे मिलने का इंतज़ार, दिल हर पल करता है....
बस अब तू मिले जाये , तो हर ख़ुशी पा जाऊंगा,
सोचा नहीं था , तेरे इतने करीब आऊंगा..
कितना प्यार है तुझसे , कुछ इस तरह बताऊंगा....
सोचा नहीं था , तेरे इतने करीब आऊंगा,
ReplyDeleteकितना प्यार है तुझसे , कुछ इस तरह बताऊंगा....
बड़ी सुन्दर ग़ज़लनुमा कविता है ,,,,,मन की अभिव्यक्ति का ...अच्छा चित्रण
Sukariya Rajendra ji !!
ReplyDeleteग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है
ReplyDeleteachha hai, par utna nahin, jitna ki upar wali rachnaye... badhai.
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