प्रेम में उनके मैंने बावरी , कैसे कहू मैंने उनसे सखी री,
कह पाती , तो वो ऐसी ना जाते , सखी री मुझे कह कर जाते,
कह देते एक बार जो मुझसे , मैंने कब पग बंधे थे उनके,
कब मैंने रोका था उनको ,कब आयेगे ये बतलाते , सखी री मुझे कह कर जाते,
सावन कैसे आएगा पिया बिन , कैसे रुत बदलेगी मौसम ,
कैसे मुझ में अब साँस आएगी, ये मुझको वो समझाते , सखी री मुझे कह कर जाते,
कौन मुझे अब पिया बिन देखेगा , कौन मेरे मन को पढ़ लेगा ,
किस से कहू मैंने बात जिया की , बस एक पल को वो रुक जाते ,सखी री मुझे कह कर जाते,
No comments:
Post a Comment