Sunday, April 25, 2010

कैसे मुझे तुम मिल गए

कैसे मुझे तुम मिल गए, सपने सारे तुम बन गए,
और अब क्या मेरी खुशी,हर खुशी तुम बन गए....

इतना पाया ना कभी सुकून, तुम दिल का सुकून बन गए,
अब ना मैं मंगू कुछ और , मेरा तुम जूनून बन गए....

अब ना लागे कही ये मन , मनमीत तुम बन गए,
रौशनी तेरी हर तरफ़, रौशनी तुम बन गए .....

बस अब तुम से मिलू , फिर जीयु ना जीयु,
ज़िन्दगी तुम्ही से अब , ज़िन्दगी तुम बन गए....

कैसे मुझे तुम मिल गए, सपने सारे तुम बन गए......

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