Saturday, April 24, 2010

ये कहानी हुई

दर्द बढ़ता रहा ,
नींद जाती रही,
तुने सब कह दिया ,
मैं छुपाती रही..

ऐसी आँखे मिली,
मैं दीवानी हुई,
तुझपे आकर रुकी,
सबसे अनजानी हुई...

वक़्त कटने लगा,
तेरी राहो में यू,
भूली सारा ज़माना,
ये कहानी हुई...

नये सपने सजे ,
तेरी यादें मिली,
नाम तेरा लिए ,
मैं मुस्कुराने लगी...

1 comment:

  1. ग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है .

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