Wednesday, September 30, 2009

गुज़र ही नहीं होगा

आज के बाद , तेरे पास थोडा भी वक़्त नहीं होगा,
जिकिर तो होगा तेरा ,पर तुझसे सामना नहीं होगा..

तू मेरा आपना है , क्यों सब कहते है की बेगाना है,
तू नहीं जिस में , वो सपना मेरा नहीं होगा...

आँखे तुझ ही ढूंढेगी , हर पल हर तरफ,
तेरे बिना , कोई नज़ारा खुबसूरत नहीं होगा...

दिन भी निकलेगा , और रात भी हो जायेगी ,
कलि रातो में , अब नींद से सामना नहीं होगा

कैसे कटते है लोग , प्यार के बिना ज़िन्दगी,
बिन तेरे , मेरा तो गुज़र ही नहीं होगा....

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